ITR Filing: आयकर रिफंड पाने के लिए रिटर्न में फर्जी क्लेम करना पड़ेगा भारी

ITR Filing: आईटीआर फाइल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई अब आने में अब केवल 3 दिन रह गए हैं। पिछली बार की तरह इस बार भी डेट बढ़ाए जाने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है। इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट के पोर्टल पर दिए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक 29 जुलाई 2024 की सुबह 6 बजे तक 54,336,766 आईटीआर फाइल किए जा चुके थे। इनमें से 49,114,372 आईटीआर वेरिफाई हो चुके हैं। जबकि, 23,643,261 रिटर्न प्रॉसेस में हैं। यहां कुल 124,484,813 इंडिविजुअल यूजर रजिस्टर्ड हैं। 31 जुलाई के बाद आईटीआर भरने पर आपको 1000 से 10000 रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है।

रिफंड जारी करने में देरी होगी

आयकर विभाग ने रिटर्न दाखिल (ITR) करने वालों से कहा है कि वे खर्चों के लिए फर्जी क्लेम न करें और अपनी कमाई को कम करके नहीं दिखाएं। विभाग ने कहा कि बढ़ा-चढ़ाकर और फर्जी दावे करना दंडनीय अपराध है और इससे रिफंड जारी करने में देरी होती है। सभी करदाताओं के लिए आकलन वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है, जिसके बाद खातों का ऑडिट नहीं किया जाएगा।

आयकर विभाग ने हाल में बताया था कि करदाताओं से समय पर रिफंड पाने के लिए अपने रिटर्न सही ढंग से दाखिल करने चाहिए। विभाग ने कहा, ”रिफंड के दावों की जांच सत्यापन के अधीन होती है, जिससे देरी हो सकती है। आईटीआर सही तरीके से दाखिल करने से रिफंड की प्रक्रिया में तेजी आती है।

किए गए दावों में कोई भी विसंगति होने पर संशोधित रिटर्न के लिए अनुरोध किया जाएगा।” आयकर विभाग ने आईटीआर दाखिल करने वाले करदाताओं से गलत स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) राशि का दावा न करने, अपनी आय को कम न बताने या कटौती को बढ़ा-चढ़ाकर न बताने का आग्रह किया है।

लास्ट डेट तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर क्या जुर्माना है?

वैसे तो आपको साल के अंत तक विलंबित ITR दाखिल करने की अनुमति है, लेकिन तब देरी की अवधि के आधार पर ₹1,000 से ₹10,000 के बीच जुर्माना लगेगा। साथ ही आप जितना कुछ कटौती से वंचित रह सकते हैं और आयकर विभाग द्वारा अधिक जांच के अधीन हो सकते हैं।

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