म्यूचुअल फंड में फ्रंट रनिंग और इनसाइडर ट्रेडिंग पर सेबी का अंकुश, मार्केट रेगुलेटर ने बदले नियम

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने म्यूचुअल फंड मानदंडों में संशोधन किया है, जिसके तहत एसेट मैनेजमंट कंपनियां (AMC) को प्रतिभूतियों में ‘फ्रंट-रनिंग’ और इनसाइडर कारोबार की पहचान करने तथा रोकने के लिए एक इंस्टि्यूशनल सिस्टम स्थापित करना होगा। इसके अलावा सिस्टम की दक्षता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी AMC मैनेजमेंट की होगी। ऐसे में सेबी ने AMC को ‘व्हिसल-ब्लोअर’ सिस्टम बनाने का निर्देश दिया है। SEBI का यह निर्णय एक्सिस एएमसी (Axis AMC) और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) से जुड़े ‘फ्रंट-रनिंग’ मामलों के संबंध में दो आदेश पारित करने के बाद आया है।

फ्रंट-रनिंग एक ब्रोकर द्वारा शेयर या किसी अन्य फाइनेंशियल एसेट का व्यापार है, जिसे भविष्य के लेनदेन के बारे में अंदरूनी जानकारी होती है जो उस लेनदेन की कीमत को काफी हद तक प्रभावित करने वाला होता है। अधिसूचना के अनुसार, CEO या प्रबंध निदेशक या समकक्ष पद का कोई अन्य व्यक्ति और परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी का मुख्य अनुपालन अधिकारी ऐसे संस्थागत तंत्र के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार तथा जवाबदेह होंगे।

एक नवंबर से लागू होंगे नियम

सेबी ने कहा कि AMC कंपनी एक ‘व्हिसल-ब्लोअर’ नीति स्थापित, कार्यान्वित करेगी…. जो कर्मचारियों, निदेशकों, न्यासियों और अन्य हितधारकों के लिए संदिग्ध धोखाधड़ी, अनुचित या अनैतिक व्यवहार, नियामकीय या कानूनी जरूरत के उल्लंघन या कामकाज के संचालन के बारे में चिंता व्यक्त करने का एक गोपनीय तंत्र होगा। व्हिसल-ब्लोअर की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। इस सभी बदलावों के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन किया है। ये बदलाव एक नवंबर से लागू होंगे।

बोनस शेयर पर बड़ा ऐलान

बोनस शेयर जल्द से जल्द निवेशकों के डीमैट अकाउंट में पहुंच सके, इसको लेकर सेबी ने प्रस्ताव पेश किया है। यह अमल में आने के बाद आपका बोनस शेयर जल्द ही रिकॉर्ड डेट के दो दिनों के भीतर डीमैट खाते में दिख सकेगा। सेबी की तरफ से पेश नए कंसल्टेशन पेपर के मुताबिक, किसी कंपनी द्वारा जारी किए गए बोनस शेयरों को रिकॉर्ड डेट के दो दिनों के भीतर (T+2) क्रेडिट कर दिया जाना चाहिए।

सेबी ने बोनस शेयर को खाते में जमा करने और कारोबार सुनिश्चित करने के लिए एक समान समयसीमा का प्रस्ताव रखा है। सेबी द्वारा प्रस्तावित एक नए नियमों में बताया गया है कि किसी कंपनी की ओर से जारी किए गए बोनस शेयरों को रिकॉर्ड डेट के दो दिनों (टी+2) के भीतर ही डीमैट खाते में शेयर पहुंचने चाहिए। इस समय आईसीडीआर नियम बोनस इश्यू के कार्यान्वयन के संबंध में समग्र समयसीमा निर्धारित करते हैं। हालांकि, इश्यू की रिकॉर्ड तिथि से बोनस शेयरों को एकाउंट में जमा करने और ऐसे शेयरों के व्यापार के लिए कोई विशिष्ट समयसीमा नहीं है।

सेबी ने कहा, ‘इस प्रकार, किसी विशिष्ट दिशानिर्देश के अभाव में समयसीमा के संबंध में असमानता देखने को मिलती है। इस समय बोनस इश्यू के बाद, मौजूदा शेयरों का उसी आईएसआईएन (इंटरनेशनल सिक्योरिटीज आइडेन्टिफिकेशन नंबरिंग सिस्टम) के तहत कारोबार जारी रहता है और नए बोनस शेयर रिकॉर्ड तिथि के बाद 2-7 कार्य दिवसों के भीतर खाते में जमा किए जाते हैं और कारोबार के लिए उपलब्ध होते हैं। सेबी ने इस कंसल्टेशन पेपर पर 26 अगस्त 2024 तक सभी से अपनी राय मांगी है।

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