महंगाई बढ़ी सैलरी वही! 5 साल पहले जितने पैकेज पर जॉइन करते थे लोग, उसमें नहीं आया फर्क

ट्विटर पर बीते दिनों छिड़ी बहस ने IT कंपन‍ियों के शुरुआती वेतन को लेकर सवाल खड़े कर दिए। दरअसल, शशांक रुस्तगी नाम के एक यूजर ने अपने पोस्ट में बताया कि 2019 में TCS ने उन्हें 21,000 रुपये महीने का वेतन दिया था। इसके उलट उनके खर्चे 30,000 रुपये थे। शशांक का कहना था कि TCS आज भी नए कर्मचारियों को इतना ही वेतन दे रहा है, जो महंगाई को देखते हुए बहुत कम है। शशांक का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इसे अब तक लाखों लोग देख चुके हैं। इस पोस्ट ने IT इंडस्ट्री में नए लोगों को मिलने वाले कम वेतन पर बहस छेड़ दी। बहुत से लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें भी शुरुआती दौर में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था।

शशांक ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘मेरी TCS सैलरी 21 हजार थी, मेरे खर्चे 30 हजार थे। यह 2019 की बात है। सबसे बुरी बात यह है कि वह अभी भी वही पैकेज ऑफर करते हैं :)’ उनके इस पोस्ट से साफ पता चलता है कि आईटी कंपन‍ियों में काम करने वाले नए लोगों को कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। खासकर उन्हें जो काम के लिए दूसरे शहरों से आते हैं।

शशांक के मुताबिक, TCS ने पिछले पांच सालों में अपने शुरुआती वेतन में कोई बदलाव नहीं किया है। वहीं, महंगाई आसमान छू रही है। उनके इस दावे से पता चलता है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों की जरूरतों को नजरअंदाज कर रही हैं।

पोस्‍ट पर कई IT प्रोफेशनल्स की आई प्रतिक्रिया

शशांक के पोस्ट पर कई IT प्रोफेशनल्स ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा, ‘एक नजरिये से देखें तो मैंने 2006 में टेक महिंद्रा को 3.0 LPA पर ज्वाइन किया था। मैं हैरान हूं कि लगभग 18 वर्षों में सैलरी में मुश्किल से कोई बदलाव आया है।

एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘इससे भी बुरी बात यह है कि उन्होंने 2011 में भी 21 हजार की पेशकश की थी। यह देखकर आश्चर्य होता है कि उन्होंने एंट्री पैकेज में ज्यादा बदलाव नहीं किया।’ एक और यूजर ने लिखा, ‘मेरा पहला ‘ऑफर’ TCS से ऑफ कैंपस ड्राइव से था। वे 2013 में भी 21 हजार की पेशकश कर रहे थे।

यूजरों ने हालात पर जाह‍िर की च‍िंंता

एक यूजर ने मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए कहा, ‘अभी भी उसी पैकेज पर और सालों का अनुभव हासिल करने के बाद भी मुश्किल से ही बढ़ोतरी हुई है। 90 दिनों के नोटिस के कारण कई ऑफर छूट रहे हैं। और मुख्य बड़ी कंपनी जिसने अब 5 दिनों से ऑफिस से काम करने को अनिवार्य कर दिया है।’

कुल मिलाकर शशांक के पोस्ट ने IT कंपनियों में कम वेतन और बढ़ती महंगाई के बीच नए लोगों के संघर्ष को उजागर किया है। यह देखना होगा कि कंपनियां अपने कर्मचारियों की आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए क्या कदम उठाती हैं।

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