अब चेक क्लीयरेंस के लिए नहीं करना होगा लंबा इंतजार, कुछ ही घंटे में हो जाएगा काम
चेक क्लीयरेंस के लिए अब आपको लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने चेक क्लीयरेंस की प्रक्रिया को कुछ ही घंटों में पूरा करने के लिए कई उपायों का प्रस्ताव रखा है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज एमपीसी की द्विमासिक नीति बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि चेक को कुछ घंटों में स्कैन, प्रजेंट और क्लीयर किया जाएगा। यह काम कारोबारी घंटों के दौरान निरंतर आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी क्लीयरेंस साइकल T+1 दिन है जो अब घटकर कुछ घंटे रह जाएगा। इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे।
अभी चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) दो वर्किंग डे तक के क्लीयरिंग साइकल के साथ चेक प्रोसेस करता है। इस कदम का उद्देश्य चेक क्लीयरिंग की एफिशियंसी में सुधार करना और पार्टिसिपेंट्स के लिए सेटलमेंट रिस्क को कम करना है। गवर्नर ने कहा कि इस उपाय का उद्देश्य ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना है। दास ने कहा कि CTS को बैच प्रोसेसिंग के मौजूदा अप्रोच से ऑन-रियलाइजेशन-सेटलमेंट के साथ कंटीन्यूअस क्लीयरिंग में बदलने का प्रस्ताव है।
रेपो रेट में बदलाव नहीं
एमपीसी की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट को एक बार फिर 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है। आरबीआई ने रेपो रेट आखिरी बार बदलाव पिछले साल फरवरी में किया था। तब इसे 0.25% बढ़ाकर 6.50% किया गया था। दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने नीतिगत दर को यथावत रखने के निर्णय के पक्ष में मत दिया। रेपो रेट के यथावत रहने का मतलब है कि आपके लोन की किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है।